बेटी चलेली ससुराल , सूना भईले बाबा के अंगनवा !
रोवेला घरवा दुवार , दुलारी बेटी हो गईली सपनवा !
जहिया से शादी के दिनवा धराईल , तहिया से माई के दिलवा डेराईल !
रात दिन रोवे बेटी भरी अन्कवारी , सखिया सहेली सब भईली दुखारी !
रोवेला सब टोलवा महाल , कयीसन बा ई विधि के विधानावा !
बेटी चलेली ससुराल , सूना भईले बाबा के अंगनवा !
बाबा रोवे दुवारा घर में महतारी , आये बाराती दहेज मांगे घर बारी !
सखियाँ सहेली मिली साज संवारे , डोली लेकर कहांर खड़े हैं दुवारे !
जल्दी करो बोलेले कहांर , दूर जाना है नगरावा !
बेटी चलेली ससुराल , सूना भईले बाबा के अंगनवा !
कलेजा पर शील रखी समझावेली , सीना से लगा के डोली में बईठावेली !
सदा रखिह खुश दुलहा से गोहरावेली , चरण पकड़ी विनती दुहारावेली !
कलेजा के टुकड़ा बबुनी हमार , बबुवा रखिह दिल के समनवा !
बेटी चलेली ससुराल , सूना भईले बाबा के अंगनवा !
खुश हो के वापस चले सब बाराती , वियोग में दुखी हो बैठे सब घराती !
बेटी के गुण बखान कर सब रोवे , चारों तरफ विदाई की चर्चा होवे !
वर्मा विधना के अईसन होनहार , सब पोंछें अंखिया से लोरवा !
बेटी चलेली ससुराल , सूना भईले बाबा के अंगनवा !
-श्याम नारायण वर्मा
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