अगले साल भारतीय सिनेमा के सौ साल पूरे होने का जश्न मनाने की तैयारियां शुरू हो गई है। भारतीय सिनेमा के पितामाह दादा साहब फाल्के ने देश की पहली फिल्म राजा हरीशचंद्र 1913 में बनाई थी। यह मूक फिल्म हिंदू पौराणिक कथा पर आधारित थी। इसी के साथ शुरू हुई भारत की रजतपट की गाथा। आगे जाकर हॉलीवुड की तर्ज पर बॉलीवुड बना।
खबर है कि महानायक अमिताभ बच्चन और सुपरहिट फिल्म पा के निर्माता आर बाल्की संयुक्त रूप से भारतीय सिनेमा पर 15 मिनट की एक फिल्म बनाने जा रहे हैं। वहीं हिंदी सिनेमा में योगदान देने वाले प्रत्येक निर्देशक पर 40 मिनट की डॉक्यूमेंट्री बनाने के लिए कई फिल्म निर्माताओं ने हाथ मिलाया है।
अभिनेता रितेश देशमुख भी फिल्मी हस्तियों के हाथों की छाप लेने में व्यस्त हैं। दरअसल अभिनेता इसे हॉलीवुड के वॉक ऑफ फेम की तर्ज पर अपने निर्माणाधीन म्यूजियम लीजेंड्स वॉक के लिए इकट्ठा कर रहे हैं। इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आइएफटीडीए) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक पंडित के मुताबिक अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले साल गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को बच्चन परिवार, खान तिकड़ी और कपूर परिवार के साथ-साथ मशहूर आइटम गर्ल्स भी दिल्ली के राजपथ पर अपनी प्रस्तुति दे सकती हैं।
वैसे जश्न की शुरुआत इस साल से शुरू हो चुकी है। अप्सरा पुरस्कारों के दौरान भारतीय सिनेमा की प्रसिद्ध हस्तियों को याद किया गया था। यही नहीं दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 20वां पुस्तक मेला भी साहित्य और सिनेमा विषय पर आधारित था। आधिकारिक रूप से कार्यक्रमों की शुरुआत आगामी जून से होगी, जो अगले साल मई तक चलेगी।
आइएफटीडीएक फिल्म निर्देशकों और प्रशंसकों के लिए डिजीटल आरकाइव बनाने की तैयारी में भी है। भारतीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय भी इसमें पीछे नहीं है। मंत्रालय की योजना अगले साल मुंबई में फिल्म म्यूजियम स्थापित करने की है। म्यूजियम में फिल्म की पटकथा, परिधान, सेट की डिजाइन और फिल्म मैगजीन जैसे कई चीजों को प्रदर्शित करने की योजना है। यही नहीं मंत्रालय पिछले 60 साल के दौरान बनी यादगार फिल्मों को इंटरनेट पर डालने की तैयारी में है।
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