Saturday, 24 March 2012

इन पंक्तियों को गाकर देखिए, याद आ जाएगा बचपन का दिन


इन पंक्तियों को गाकर देखिए, याद आ जाएगा बचपन का दिन........


* चल कबड्डी आसलाल, मर गया प्रकाशलाल

* आव तानी रे, डेरइहें मत रे
  कपार कान फूटी- लड़िकपन छूटी- लड़िकपन छूटी...

* ओका-बोका तीन तड़ोका, लऊआ-लाठी चंदन काठी...

* आन्हीं-बुनी आवेले, चिरइयां ढोल बजावेले
  बूढ़ी मइया हाली-हाली, गोइठा उठावेले
  एक मुठी लाई, दामाद फुसलाई
  बुंदी ओनही बिलाई, बुंदी ओनही बिलाई...

* तार काटो, तरकूल काटो, काटो रे बनखाजा
  हाथी प के घुंघरा, चमक चले राजा
  राजा के दुलारी बेटी, खूब बजाए बाजा
  तालवा खुलते नइखे, चभिया मिलते नइखे
  चभिया मिल गइल, तालवा खुल गइल...

* घुघुआ माना, उपजे धाना
  नया भीति उठत हई, पुरान भीति गिरत हई 
  बासन-बरतन सम्हरिये बुढ़िया, ढायं...


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