सिनेमा के रुपहले परदे पर अपने को देखने का सपना हर कलाकार अपने बचपन से संजोता है। नागपुर, महाराष्ट्र की मराठी बाला रैना गेडाम पांच साल की उम्र में स्कूल फंक्शन में पुरस्कार जीतने के बाद से अभिनय में मन लगा लिया और उसके बाद से हमेशा स्कूल से कालेज तक कभी प्रथम तो कभी द्वितीय पुरस्कार जीतने लगी। इन सबसे उन्हें फिल्मो में अभिनय करने की लालसा जाग गयी। रैना गेडाम ने "न्यू टैलेंट्स ग्रुप" के निर्देशक योगेश सोमन और निर्देशक देवदत्त का साथ दो साल तक थिएटर किया उसके बाद अनिल पुणेकर निर्देशित मराठी फिल्म सूर्योदय से अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत करी। उन्होंने आदिल खान निर्देशित बेड़िया नाम के हिंदी कला फिल्मो में भी अभिनय किया। नृत्य को अपनी पहली पसन्द बताने वाली नृत्यांगना और अदाकारा रैना गेडाम ने अनेको मराठी और हिंदी फिल्मो में काम करने के बाद अब भोजपुरी सिनेमा में सक्रिय होने का फैसला किया है। उनकी पहिला भोजपुरी फिल्म "लड़ाईला अंखिया इ लौड़े राजा" थी और आगे आने वाली फिल्मो में "दिल ले गईल ओढनिया वाली", "पाखंडी", "बाडीगार्ड हमार" और "पूर्वांचल का डाँन" शामिल है।
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