Wednesday, 18 April 2012

पहला बिहार भक्ति गीत . (२००३ में अरविंद पाण्डेय द्वारा रचित..



इस गीत का सर्वाधिकार कापी राइट सभी १० करोड बिहारियों का है..आप सभी इसे शेअर करें ,, प्रकाशित करें..)
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जहां हर दिल में है प्यार भरा .
भारत माँ का जो दुलारा.
अपना बिहार वो प्यारा.

जहां कण कण पर है लिखा हुआ
विजयी इतिहास हमारा
अपना बिहार वो प्यारा.


जहां गंगा गंडक बागमती की
लहरें गीत सुनाएं
जहा मिथिला कोशी के किसान
सोने सा अन्न उगाएं.

जहां विद्यापति के गीतों की
बहती रसवंती धारा .
अपना बिहार वो प्यारा.


जहां हिन्दू मुस्लिम सिक्ख इसाई.
मिलकर जश्न मनाते.
जहां बैसाखी बकरीद ईद
होली में सब इठलाते.

जहां हर मजहब की इज्ज़त का
परचम लहराए न्यारा.
अपना बिहार वो प्यारा.


जहां रश्मिरथी उर्वशी लिए
फिरते दिनकर के दीवाने.
जहां शाद अजीमाबादी की
गज़लें गाते परवाने.

जहां भोजपुरी अंगिका मैथिली
का है रंग निराला.
अपना बिहार वो प्यारा.


जब यूनानी सेल्यूकस ऩे
दोस्ती का हाथ बढ़ाया
तब चन्द्रगुप्त ऩे उनकी बेटी
हेलेन को अपनाया.

तब दुनिया भर में छाया था
केसरिया रंग हमारा.
अपना बिहार वो प्यारा.


जहां पटना साहिब में अपने
गोविन्द सिंह जी खेले.
जहां वीर कुंवर की धरती पर
लगते अलबेले मेले.

जहां अंगराज के दान की चर्चा
करता है जग सारा.
अपना बिहार वो प्यारा.


जहां फुलवारी में हज़रत बदरुद्दीन
करम फरमाएं
जहां सभी ज़ात और सभी कौम
माँगी मुराद पा जाए .

जहां हज़रत मखदूम सरफुल की
रहमत है सबका सहारा.
अपना बिहार वो प्यारा.


जहां सुलभ ऩे है साकार किया
गांधी जी का वो सपना.
हर शोषित को सम्मान मिले
हर भंगी मुक्त हो अपना.

जिस धरती से ही गूँज उठा
सामाजिक न्याय का नारा.
अपना बिहार वो प्यारा.

जहां कण कण पर है लिखा हुआ
विजयी इतिहास हमारा
अपना बिहार वो प्यारा.
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यह एल्बम वीनस ने २००३ में रिलीज़ किया था ..

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