Wednesday, 4 January 2012

अंगुरी में डंसले बिया नगिनिया हे, रे ननदी दियरा जला द


ये गीत अलग-अलग गीतकारों ने रचे हैं लेकिन इन्हें स्वर देकर मुकाम दिया भरत सिंह भारती ने. वही भरत सिंह भारती, जो आकाषवाणी के जरिये बिहारवासियों के दिलों में राज करते थे.  अपने समूह के साथ खुद तबला बजाते हुए जब पुरबिया तान साधते थे तो हजारों की भींड़ घंटों बेसुध होकर जमी रहती थी-

 


गीत - 1

दाना मुरगी दाना दे, पीपरी पराना दे


दाना मुरगी दाना दे, पीपरी पराना दे
जेकरा मे गोटी परे, से चले भाग रे...
दाना मुरगी दाना दे...
छप्पर पर तो मोर नाचे, उपर बोले कउवा
बाग-बगइचा लइकन खेले, गुल्ली डंडा लउवा
दाना मुरगी दाना दे...
अगल-बगल में लत्ता, बीच में कलक्टर
खेत जोत के बोझा लेले, आइल रे कंडक्टर
काना मुरगी खाना दे, बडका खाना दाना दे
जेकरा में गोटी परे, से चले भाग रे
दाना मुरगी दाना दे...
ओका-बोका तीन तडोका
लउआ लाठी काठी
बना नहा के बारा एगो
आइल चल के हाथी.
हाथी मुरगी पानी दे
बारा हाथी दानी दे
जेकरा में गोटी पडे, से चले भाग रे...
दाना मुरगी दाना दे...
तार काटो तरकुल काटो, काटो रे बनखाजा
हांथी घोडा कर के आये, रानी बिंदिया राजा
रोली-रोली गोली दे, आरती के होली दे
जेकरा में गोटी पडे, से चले भाग रे
दाना मुरगी दाना दे... 


गीत - 2

हौले हौले डोलिया उठाव रे कहंरवा

हौले हौले डोलिया उठाव रे कहंरवा
मोरा पिया के नगरिया बा दूर
कथी के रे डोलिया, कथी के रे ओहरवा
कथीये में लागल बाटे नूर
अरे कवन-कवन भइया, चारी गो कहंरिया
जे डोलिया उठावे मषहूर
मोरे पिया के नगरिया बा दूर
हौले-हौले...
सोनवा के डोलिया सुरत के ओहरवा
रूपवे में लागल बाटे नूर
अरे काम क्रोध मद मोह कहंरिया
जे डोलिया उठावे मषहूर
मोरा पिया के नगरिया बा दूर...
हौले-हौले...
नाही मोरा लूर ढंग, बानी नीरबुधिया
नाही मोरा कवनो सहूर
अरे पिया निरमोहिया, दरद नही जाने
कइनी कवन रे कसूर
मोरा पिया के नगरिया बा दूर...
हौले-हौले...
सात समंदर पार बाटे मोरे पिया
जेकरा न तनिको गरूर
अरे भारती जगतवा में, सबके नचावे माया
पिया के करेला जी हुजूर
मोरा पिया के नगरिया बा दूर, हौले-हौले...


गीत - 3

सुनो रे आली बलमा को ले गये थानेदार...

अरे ले गये थानेदार
ले गये थानेदार
सुनो रे आली बलमा को ले गये थानेदार
ले गये थानेदार हो ले गये थानेदार
सुनो रे आली, बालम को ले गये थानेदार
प्रेम मुखिया सबद सिपाही
डाकी बने चैकीदार
एक सौ सात मे नाव लिखावे, दफा तीन सौ चार
स्ुानो रे आली बलमा को ले गये थानेदार
भाई बंधु सब घेरे बइठे, बाहर कुटुंब परिवार
थ्पियवा क ेले गये मुसकी चढा के
न गाली न मार
सुनो रे आली बलमा को...
काम क्रोध मद लोभ सिपाही-2
बांधे तेज तलवार
अरे हित-मित सबउ उठत बइठत
कोउ न छोडावनहार
सुनो रे आली... 
अरे ले गये थानेदार हो...
दास कबीर उतार धरी कपडा
तनिको न किया विचार
पियवा को हो गये कालापानी
केकरा पर करीं सिंगार
सुनो रे आली...


गीत - 4

पियवा गइले रे चोरिया

सुतलों में रहनीं ए रामा...
सुतलों में रहनी ए रामा
पियवा संगे रे सेजिया
सपना में देखनीं ए रामा
पियवा गइले रे चोरिया
हम त़ इ जनिती ए रामा
पियवा जइहें रे चोरिया
अथी बांध बंधती ए रामा
रेषम के रे डोरिया
सपना में देखनीं...
रेषम के डोरिया ए रामा
टूटी फूटी रे जइहें
प्रेम के रे बंधनवा
जइहें संगे रे सथवा
स्पना में देखनीं...
ज्ेने जेने पियवा रे गइले
बगिया लगवले
अंतरे अंतरवे ए रामा
केला नरियर गछिया
सपना में देखनीं...


गीत - 5

अहे सुन हे सजनी

स्ुातलों में रहनीं खाटी
देखनी सपनवा राती
अहे सुन हे सजनी
सपना में सइयां पतिया भेजेला ए राम
उठली चिहाई निंदिया
गिरली हमार बिंदिया
अहे सुन हे सजनी
पुरूब से सइयां पतिया सइयां भेजेला ए राम
सइयां कलकतिया भेजेला ए राम
पतिया बचत मोरा
फाटे करेजवा कोरा
अहे सुन हे सजनी
बिरह के सइयां पतिया भेजेला ए राम
निनिया ना आवे मोर
चिहुंकी के होला भोर
अहे सुन हे सजनी
पतिया के बतिया दिलवा सालेला ए राम
सुतलों में रहनी खाटी...


गीत - 6

डरवा लागेला हो अकेला...

सिर पर मटुकिया लिहले
आहे हाथ में गेरूलिया धइले
चली गइले जमुना के तीर हो
अकेला डर मोहा लागेला अकेला
डरवा लागेला अकेला
बांह मोरा धई लिहले
कहला पर गारी दिहले
धई क ेले गइले कुंजबन भीतर
अकेला डर मोहे लागेला अकेला
डरवा लागेला अकेला
बांह मोरा छोडी दिन्हा
क्हीलें तो मानिलें ना
बिहने आइबी बडा भोरा हो अकेला
डर मोहे लागेला अकेला
डरवा लागेला अकेला...
बिहने से हम अइनीं
रतिया बितायी दिहनीं
बढनी मारेली अइसन चाल हो
अकेला डर मोहे लागेला अकेला
डरवा लागेला अकेला...


गीत - 7

महलिया ए ननदी घुसल बा चोर

घुसल बा चोर
महलिया ए ननदी घुसल बा चोर
घुसल बा चोर ननदी
घुसल बा चोर
महलिया ए ननदी घुसल बा चोर
सबहीं ओसरवा में सबहीं अटारी
सबहीं अंटरिया से झांके दुआरी
घुर घुर के देखेला लहंगा पटोर
महलिया ए ननदी घुसल बा चोर
महलिया ए ननदी...
ना लूटे सोना या ना लूटे चानी
घुस के महलिया में करे मनमानी
गते गते पकडेला अंगुरी के पोर
महलिया ए ननदी घुसल बा चोर
रंग महलिया में सुतल रहनीं
धीरे से जगावल चहनीं
अचके में पकडेला अंचरा के कोर
ननदिया घुसल बा चोर
महलिया ए ननदी घुसल बा चोर...
चढके पलंगिया पर डोलिया डोलावे
हमरी नजर में नजरिया मिलावे
ना जननीं ए ननदी हवें भइया तोर
महलिया ए ननदी घुसल बा चोर


गीत - 8

बोअनी में चीनवा ए रामा...

बोअनी में चीनवा ए रामा
हरिनवा चरी रे जाय
पानी के पियासल हरिना
जमुनवा दहि रे जाय
रहिया बटोहिया ए रामा
लगबे मोरा रे भइया
एही बाटे देखनीं ए रामा
हरिनवा मोरा रे जाय
पानी के पिआसल हरिना
जमुनवा दहि रे जाय...
देखनीं में देखनीं ए रामा
मायापुर बाजार
हाथ गोड बान्हले ए रामा
बहेलिया ल ेले रे जाय
पानी के पिआसल हरिना...
जांघ तोरा फाटेउ बहेलिया
देहिया लागे रे घुनवा
एही रे उमिरिया बहेलिया
सेजरिया कइले रे सुनवा
पानी के पिआसल हरिना...
कटबो में चंदन गछिया
चितवा रे रचइबो
पिया ले के सती रे होइबे
जमुना जी के तीरवा
पानी के पिआसल... 


गीत - 9

अंगुरी में डंसले बिया नगिनिया...

जियत बानी, जियल अनेर बाटे
भइली जिनिगिया पहाड
अइसनें बेदरदी से जोडली सनेहिया
कि भइले जिनिगिया बेकार...

अंगुरी में डंसले बिया नगिनिया हे,
रे ननदी दियरा जला द
दियरा जला द, भइया के जगा द
नसे-नसे उठेला लहरिया हे, ननदी दियरा जरा द
पटना सहरिया से बइदा बुला द
पोरे-पोरे उठेला दरदिया हे, ननदी दियरा जरा द
एक त सतावे मोरा नागिन के डंसलका
दूसरे सतावेला जवनिया हे, ननदी दीयरा जरा द
कहत महेंदर ननदी भइया के बोला द
उनही से उतरी इ लहरिया रे, हे ननदी दियरा जराई द
अंगुरी में डंसले बिया नगिनिया हे, ननदी दियरा...


गीत - 10

बताव चांद केकरा से कहां मिले जाल

बताव चांद केकरा से कहां मिले जाल
अहो बताव चांद, ना-ना बताव चांद
केकरा से कहां मिले जाल
गरजे बदरिया, चमके बिजुरिया
बहकि-बहकि के बहेले बयरिया
केहू ना देखेले तोहरा के ए चांद
जात तनी ना अलसाल
बताव चांद, केकरा से कहां मिले जाल
केकरा सुरतिया पर भइल दिवाना
केकरा बिनो चांद रहलो ना जाला
के इ सुघर बा तोहरा से अधिका
केकरा खातिर अकुलाल
बताव चांद केकरा से कहां मिले जाल
केकरा सुरतिया के कइल अंजोरिया
जइसे भरल जल ढरके गगरिया
गते-गते, चूपे-चूपे जाल डगरिया
अरे आठो पहर मुसका ल
बताव चांद केकरा से कहां मिले जाल
एगो तनि चांद मान ई बतिया
एगो तनि चांद सुनि ल बतिया
अंखिया झुराइल, झुराइल छतिया
हमरा के आपन बना ल संघतिया
अरे जइसे चाहे आजमा ल
बताव चांद केकरा से कहां मिले जाल


गीत - 11

भइले धरमवा के बेरा...

भइले धरमवा के बेरा
स्बेरे रउवा जागीं ए बमभोला
भोरे भिनसारे गउरा षिव के जगावे
षिव के जगावे हो, षिव के जगावे
अइले धरमवा के बेरा, सबेरे रउवा जागीं ए बमभोला
बायें हाथ लेले तिरषुलवा
दाहिने हाथ भंगवा के गोला
सबेरे रउवा जागीं ए बमभोला
भइले धरमवा के बेरा...
नित उठी भोरे षिव, डमरू बजाने 
बम-बम छूटे लागल गोला
सबेरे रउवा जागीं ए बमभोला
भइले धरमवा के बेरा...
भूत प्रेत सब नाचन लागे
हर हर हर नाद होला
सबेरे रउवा जागीं ए बमभोला
भइले धरमवा के बेरा...
बसहा बैल षिव के सोहन लागे
षिव जी के, गौरा जी के डोला
सबेरे रउवा जागीं ए बमभोला
भइले धरमवा के बेरा...
गंगा तीर पर भीड भइल बा
संतन लोग के भइल बा झमेला
सबेरे रउवा जागीं ए बमभोला
भइले धरमवा के बेरा...


गीत - 12

अचरज माया तुम्हारी...

अचरज माया तुम्हारी ए प्रभु जी
अचरज माया तुम्हारी
ब्रहमा मोहे, विश्णु मोहे
मोहे तीन चक्रधारी
सनकादिन नारद मुनि मोहे
दुनिया क्या है विचारी ए प्रभु जी
अचरज माया तुम्हारी
जोग करत जोगी मोहे
बेद पढत पंडित मन मोहे
भूल गइल बुद्धिचारी ए प्रभुजी
अचरज माया तुम्हारी
जिन पर कृपा तुम्हारी
ओ जन उतरे पार
ब्रहमणंद षरण में आयो
लियो मुझे उबारी
अचरज माया तुम्हारी


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